बांग्लादेश को भारत के खिलाफ इंदौर टेस्ट में महज तीन दिन में घुटने टेकते देखना काफी निराशाजनक रहा। पूरे मैच में सिर्फ एक ही चीज मेहमानों के पक्ष में रही- टॉस। हालांकि इसका भी उन्हें फायदा नहीं मिला। उनकी बल्लेबाजी भारतीय गेंदबाजी के आगे बुरी तरह बिखर गई। गेंदबाजी में कोई प्लान नजर नहीं आया और फील्डिंग का स्तर औसत से भी नीचे रहा। हालांकि बांग्लादेश इस दौरे पर तमाम विवादों को पीछे छोड़ते हुए आई है और शाकिब-अल-हसन, तमीम इकबाल, मुस्तफिजुर रहमान जैसे खिलाड़ी टीम में भी नहीं हैं। इन परिस्थितियों में शायद ही किसी को इस टीम से पलटवार की उम्मीद रही होगी। लेकिन ये उम्मीद तो थी कि वे भारत के सामने चुनौती पेश करेंगे। ऐसा भी नहीं हो सका।
वहीं, दूसरी तरफ भारत ने फिर साबित किया कि वे टेस्ट क्रिकेट में दिन-ब-दिन मजबूत होते जा रहे हैं। इस समय ये टीम शानदार फॉर्म में है। सबसे खास बात ये रही कि भारत के दो बड़े बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली तो इस मैच में सस्ते में आउट हो गए, फिर भी टीम ने 400 से ज्यादा रन बना दिए। 119 रन पर 3 विकेट खोने के बाद लग रहा था कि भारतीय टीम 300-325 रन पर सिमटेगी, लेकिन मध्यक्रम और निचले क्रम ने अहम योगदान दिया और भारत ने विशाल लीड लेकर पारी घोषित की। यही नहीं, भारत ने बेहतरीन रनरेट के साथ भी बल्लेबाजी की। 493 रन महज 114 ओवर में आए। जब मयंक अग्रवाल और रवींद्र जडेजा बल्लेबाजी कर रहे थे, तब एक वक्त रन रेट 6-7 पर चल रहा था। जब जडेजा और उमेश यादव बल्लेबाजी कर रहे थे, तब तो रन रेट 10 तक पहुंच गया।
अब बात मयंक अग्रवाल की, जो इस टेस्ट मैच के सबसे बड़े आकर्षण रहे। मयंक ने 243 रन की लाजवाब पारी खेली और महज 8 टेस्ट के करिअर में दूसरा दोहरा शतक जड़ दिया। अभी से उनके नाम 800 से ज्यादा रन दर्ज हो चुके हैं। मयंक पेस और स्पिन को बराबर सहजता से खेलते हैं। जब तक वे क्रीज पर रहते हैं, रन भी अच्छी रफ्तार से बनते रहते हैं। ये खूबियां उन्हें टीम का जरूरी हिस्सा बनाती हैं। भारतीय तेज गेंदबाजों का अच्छा प्रदर्शन अब लगभग हर मैच की बात होता जा रहा है। इस मैच में भी ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने मिलकर 20 में से 14 विकेट चटकाए। ये टीम परफॉर्मेंस भारतीय क्रिकेट के अध्याय में और भी बेहतर यादें जोड़ रहा है।